Sharab Shayari in Hindi | Shayari on Sharab | Nasha Shayari

Sharab Shayari in Hindi

पत्ती-पत्ती गुलाब हो जाती हर कली महबेख्वाब हो जाती,
तूने डाली न मैकस नजरें, वर्ना शबनम शराब हो जाती।

शीशी भरी शराब की बेकार कर दिया,
मारा तो ऐसा मारा जिगर पार कर दिया।

Sharab Shayari in Hindi

मर-मर कर जीना ऐ साकी ये पैमाने की आदत है,
औरों को पिलाऊँ, प्यासा हूँ, बस यही मेरी शराफत है।

nasha shayari in hindi

कमन्डल में शराब रखी है तो दूध कहां निकलेगा।
चीनी से बक्खर बना है तो शहद कहां निकलेगा।।

वो स्वयं पीएगा और तुमको भी पिलाएगा।
वो स्वयं जो करेगा वही तुमपे भी कराएगा।।

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